लोकसभा चुनाव के दूसरे दौर का मतदान, 88 सीटों पर BJP या कांग्रेस किसका इम्तिहान?

मिशन 370 के लिए बीजेपी का फोकस साउथ की सीटों पर है. इनमें केरल और कर्नाटक खास हैं. केरल में बीजेपी UDF-LDF फ्रंट के बीच खुद को तीसरी धारा बता रही है. बीजेपी ने अगर यहां 10 या उससे ज्यादा सीटें जीत लीं, तो जाहिर तौर पर उसका वोट शेयर बढ़ जाएगा. क्योंकि उत्तर भारत में बीजेपी सैचुरेशन पॉइंट पर है.

लोकसभा चुनाव के दूसरे दौर का मतदान, 88 सीटों पर BJP या कांग्रेस किसका इम्तिहान?

दूसरे फेज के साथ ही देश की एक-तिहाई सीटों पर मतदान (Second Phase Voting) संपन्न हो जाएगा.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दूसरे फेज के लिए शुक्रवार को वोटिंग होनी है. 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 88 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. दूसरे फेज के साथ ही देश की एक-तिहाई सीटों पर मतदान (Second Phase Voting) संपन्न हो जाएगा. यानी 543 में से 189 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत EVM में लॉक हो जाएगी. शुक्रवार को केरल की सभी 20 सीटों पर एक साथ वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा राजस्थान की बाकी बची 13 सीटों पर वोटिंग होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस बार चुनाव में बीजेपी के लिए 370 सीटों और एनडीए के लिए 400 पार सीटों का टारगेट सेट किया है. दूसरे फेज में पार्टी सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में सवाल है कि 'मिशन 370' को पूरा करने के लिए बीजेपी को दूसरे फेज की वोटिंग से कितनी उम्मीद है? 

दूसरे फेज में केरल की सभी 20 सीटों पर मतदान है. राजस्थान की 13 सीटों, कर्नाटक की 14 सीटों, महाराष्ट्र की 8 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. उत्तर प्रदेश की 8, मध्य प्रदेश की 6, असम की 5, बिहार की 5 सीटों पर भी मतदान है. छत्तीसगढ़ की 3, बंगाल की 3, त्रिपुरा-जम्मू-कश्मीर और मणिपुर की 1-1 सीट पर भी मतदान होना है. केरल की वायनाड सीट से राहुल गांधी चुनावी मैदान में हैं.

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कौन कितनी सीटों पर ठोक रहा ताल?    
दूसरे फेज की कुल 88 सीटों में से बीजेपी 70 सीटों पर ताल ठोक रही है. कांग्रेस भी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. शिवसेना 3 सीटों और शिवसेना यूबीटी 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सीपीएम ने 16 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. बहुजन समाज पार्टी ने 74 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. जनता दल यूनाइटेड ने 5 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे हैं. 2014 के चुनाव में दूसरे दौर में 67.3% वोटिंग हुई थी. 2019 के चुनाव में 70.1% मतदान हुआ.  

मिशन 370 के लिए बीजेपी का फोकस साउथ की सीटों पर है. इनमें केरल और कर्नाटक खास हैं. केरल में बीजेपी UDF-LDF फ्रंट के बीच खुद को तीसरी धारा बता रही है. बीजेपी ने अगर यहां 10 या उससे ज्यादा सीटें जीत लीं, तो जाहिर तौर पर उसका वोट शेयर बढ़ जाएगा. क्योंकि उत्तर भारत में बीजेपी सैचुरेशन पॉइंट पर है. वहीं, कर्नाटक में भी बीजेपी 2019 के शानदार प्रदर्शन को दोहराना चाहेगी.

केरल में बीजेपी को कम से कम 10 सीटें जीतने की उम्मीद
दूसरे फेज में केरल की सभी 20 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. पिछले तीन लोकसभा चुनावों में केरल में BJP का स्कोर 0-0-0 है. हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी ने हाल ही में तिरुवनंतपुरम बड़ा दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी राज्य में दोहरे अंक में सीटें जीतेगी. मतलब राज्य में BJP को कम से कम 10 सीटें जीतने की उम्मीद है. बीते दो महीनों में पीएम मोदी ने तमिलनाडु और केरल के धुआंधार दौरे किए हैं. बीते कुछ सालों में BJP ने केरल में लेफ्ट के हिंदू वोटों में सेंध लगाया है. जबकि अल्पसंख्यक मतदाताओं का झुकाव कांग्रेस की तरफ है.

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केरल में वोट शिफ्टिंग का ट्रेंड रहा है. CPM-कांग्रेस को जब भी लगता है कि कहीं BJP जीतने वाली है, तो वहां वे दोनों वोटों को आपस में शिफ्ट कर लेते हैं, ताकि किसी भी तरह BJP को हराया जा सके. अब देखना है कि पीएम मोदी की रणनीति के सामने CPM-कांग्रेस का फॉर्मूला कितना चलता है.

राजस्थान की 13 सीटों पर भी बीजेपी का लगा है दांव
राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. 13 में से 2 सीटें ऐसी हैं, जहां दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे मैदान में हैं. इन दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. झालावाड़-बारां सीट से वसुंधरा राजे के बेटे और मौजूदा सांसद दुष्यंत सिंह बीजेपी से उम्मीदवार है, जहां उनका सामना कांग्रेस की उर्मिला जैन भाया से है. वहीं, जालोर-सिरोही सीट से अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कांग्रेस से मैदान में है, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के लुंबा राम चौधरी से है. बीजेपी झालावाड़-बारां सीट के अलावा जोधपुर, बाड़मेर, पाली, जालोर, राजसमंद, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, बांसवाड़ा को टारगेट कर रही है. टोंक-सवाई माधोपुर में बीजेपी का 10 साल से कब्जा है. कोटा से ओम बिरला सांसद हैं.

पश्चिमी यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर वोट शेयर बढ़ाना चाहेगी बीजेपी
दूसरे चरण में पश्चिमी यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. मेरठ सहित बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अमरोहा, अलीगढ़ और मथुरा में वोटिंग होगी. बीजेपी ने पश्चिमी यूपी की सभी सीटों को अपने पास रखने के लिए पूरा जोर लगाया है. पीएम मोदी ने हाल ही में अलीगढ़ और अमरोहा में रैलियां की थीं.

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दक्षिण के इकलौते दुर्ग कर्नाटक को कैसे साधेगी?
वैसे कर्नाटक में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में हमेशा से ही शानदार प्रदर्शन किया है. दक्षिण का इकलौता राज्य कर्नाटक ही है, जहां बीजेपी की पकड़ मजबूत रही है. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने कुल 28 में से 25 सीटों पर एकतरफा जीत दर्ज की थी. कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब रही थी. ऐसे में जहां बीजेपी के सामने एक बार फिर से पिछले चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. जबकि कांग्रेस अपने हाथ को मजबूत करने में लगी है.

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटों के छिटकने से कांग्रेस को राज्य में करारी हार का सामना करना पड़ा था. बीजेपी के पक्ष में ओबीसी वोट शिफ्ट हो गए थे. इस बार कांग्रेस ओबीसी के साथ दलित और आदिवासी को एकजुट रखने का दांव चला है. ओबीसी के साथ दलित और आदिवासी वोट असल में वोक्कालिगा समुदाय के एकमुश्त वोट हैं. वैसे वोक्कालिगा जेडीएस का वोटर माना जाता है. ऐसे में बीजेपी-जेडीएस के साथ हाथ मिलाने पर कांग्रेस को ये वोट अपने हिस्से में जाने की उम्मीद है.

7 फेज में हो रही है वोटिंग
देश की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में वोटिंग हो रही है. पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को हुई. दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है. 94 सीटों के लिए 7 मई को तीसरे फेज की वोटिंग होगी. चौथे फेज में 96 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. 20 मई को पांचवें फेज के लिए वोटिंग होगी. इस फेज में 49 सीटों पर मतदान होगा. छठे फेज में 25 मई को 57 सीटों पर वोटिंग होगी. सातवें फेज में 57 सीटों पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. 4 जून को नतीजे आएंगे.

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